खुद को ढूँढू कहाँ, खुद की तलाश भी मुश्किल है, भीड़ में तन्हाई, और अकेले में रुसवाई, पत खुद को ढूँढू कहाँ, खुद की तलाश भी मुश्किल है, भीड़ में तन्हाई, और अकेले में रु...
और एक हम हैं कि हमको खुद अपनी ही तलाश है। और एक हम हैं कि हमको खुद अपनी ही तलाश है।
ललकार के सम्मुख चित्कार को साहित्य में मरना होगा। ललकार के सम्मुख चित्कार को साहित्य में मरना होगा।
लोग कई है पर तेरे जैसा कोई नहीं। लोग कई है पर तेरे जैसा कोई नहीं।
बस इतना सोचना कि अब सच तुम्हारे कदम मंजिल की ओर बढ़ने लगे। बस इतना सोचना कि अब सच तुम्हारे कदम मंजिल की ओर बढ़ने लगे।
फिर भी दिल को चाह है मन्ज़िल पाने की। फिर भी दिल को चाह है मन्ज़िल पाने की।